नरसिंहपुर का लाल आशीष शर्मा नक्सली मुठभेड में शहीद


* डोंगरगढ़ में सर्चिंग के दौरान नक्सलियों ने की गोलीबारी

* जनवरी में होनी थी शादी, दो बार मिल चुका था वीरता पदक

नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)/ शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बोहानी गांव में बुधवार को उस समय मातम छा गया, जब गांव के होनहार बेटा और हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा के शहीद होने की खबर गांव पहुंची। छत्तीसगढ-महाराष्ट्र सीमा से सटे राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ क्षेत्र में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड में आशीष ने वीरगति प्राप्त की। मुठभेड के दौरान उनके सीने, पेट और पैर में गोलियां लगने की बात सामने आई है।


* 2016 बैच के प्लाटून कमांडर, संयुक्त नक्सल उन्मूलन टीम का नेतृत्व :- बोहानी गांव निवासी आशीष शर्मा हॉक फोर्स के 2016 बैच के प्लाटून कमांडर थे। वे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की संयुक्त नक्सल उन्मूलन टीम का नेतृत्व कर रहे थे। नक्सलियों की संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलने पर वे बुधवार को टीम के साथ जंगल में सर्चिंग के लिए गए थे, जहां अचानक नक्सलियों ने घात लगाकर फायरिंग शुरू कर दी।


* जनवरी में होनी थी शादी - सपने अधूरे रह गए :- शहीद आशीष शर्मा के परिवार में उनके पिता देवेन्द्र शर्मा, जो किसान है, और उनका छोटा भाई है जो भोपाल में पढ रहा है। परिजनों और परिचितों ने बताया कि आशीष बेहद शांत स्वभाव, सरल और बहादुर व्यक्तित्व के धनी थे। हाल ही में उनकी शादी तय हुई थी और जनवरी 2026 में उनका विवाह होना था, लेकिन इससे पहले ही नक्सली हमले में उन्होंने देश के लिए प्राण न्योछावर कर दिए।


* दो बार मिला था वीरता पदक :- कर्तव्य के दौरान अदम्य साहस और असाधारण बहादुरी दिखाने पर आशीष शर्मा को भारत सरकार द्वारा दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। उनकी शहादत की खबर से बोहानी गांव और पूरे नरसिंहपुर जिले में शोक की लहर दौड गई है।


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