दुनिया कहेगी काबील नहीं हो तुम,
पर राख में छुपा है, वो चिंगारी का दम।
उठ, जला दे वो आग जो मन में बसी,
सपनों का सूरज, तू खुद बनके हंसी।
हर कदम पर इम्तिहान, हर पल एक जंग,
दिल में रख विश्वास, बना ले अपनी संग।
हौसलों के पंखों से, छू ले आसमां,
काबिलियत तेरी, कर देगी सबको गुमां।
तूफानों से डरना, नहीं है तेरा काम,
हर लहर को चीर, बना दे अपना नाम।
दुनिया जो कहे, उसे मुस्कान से सुन,
तू है वो सितारा, जो चमकेगा हरदम।
@ अंजुम नदाफ
