उत्तर उकवा सामान्य टीम के 28 दिन बाद भी हाथ खाली

* बाघ नाखून तस्करी का चौथा आरोपी अब भी फरार

* फरार आरोपी के पकडे जाने से खुल सकते है कई राज

बालाघाट / शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- वन परिक्षेत्र उत्तर उकवा सामान्य की टीम बाघ नाखून तस्करी प्रकरण में पिछले 28 दिनों से सक्रिय होने का दावा कर रही है, लेकिन अब तक चौथा आरोपी उनके हाथ नहीं लगा है। इस बीच दीपावली बीत जाने के बावजूद टीम पर “त्योहार का हवाला देकर ढिलाई बरतने” के आरोप लग रहे है।

जानकार सूत्रों के अनुसार, फरार आरोपी किशोर उर्फ नंदकिशोर पटले, निवासी ग्राम फडकी मोहगांव, की गिरफ्तारी से पूरे नेटवर्क और बाघ की मौत के रहस्य से पर्दा उठ सकता है। लेकिन वन अमला अब तक उसे पकड़ने में विफल रहा है।

* सात सदस्यीय टीम बनी, फिर भी नतीजा शून्य :- फरार आरोपी की तलाश के लिए विभाग ने सात सदस्यीय टीम गठित की थी। हालांकि इतने दिनों के बाद भी टीम को कोई ठोस सफलता नहीं मिली। इससे वन परिक्षेत्र अधिकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टीम की गंभीरता पर संदेह है, क्योंकि संपर्क करने पर उनके मोबाइल फोन तक नेटवर्क से बाहर मिलते है।

* 13 नाखून बरामद, 5 का अभी तक नहीं लगा सुराग :- 18 अक्टूबर को आरोपी सतीश भलावी (ग्राम मैरा) की निशानदेही पर मैरा लामता के जंगल से बाघ का कंकाल बरामद किया गया था। उसने बताया था कि बाघ से कुल 18 नाखून निकाले गए थे, जिनमें से 13 नाखून लाल कपडे की पोटली में बरामद हुए। शेष 5 नाखूनों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है।

* बाघ तस्करी की गुत्थी और संदिग्ध लापरवाही :- 12 अक्टूबर को उकवा सामान्य क्षेत्र में छपरवाही - अमरूटोला मार्ग पर चार व्यक्तियों को बाघ के नाखून बेचने की तैयारी करते देखा गया था। वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही वे भागने लगे। पहले दिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, दो दिन बाद तीसरा आरोपी पकड़ा गया। तीनों को जेल भेज दिया गया, लेकिन चौथा आरोपी अब तक फरार है।

* जांच और फॉरेन्सिक रिपोर्ट का इंतजार :- आरोपियों की निशानदेही पर बरामद बाघ के कंकाल के अवशेष जांच के लिए फॉरेन्सिक लैब भेजे गए है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद बाघ की मौत के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा।

* विभागीय निष्क्रियता पर उठे सवाल :- स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है की, सोनेवानी कंजर्वेशन रिजर्व और लामता के जंगलों में बाघ से जुड़ी घटनाएं लगातार सामने आ रही है, फिर भी विभाग गंभीर नहीं दिख रहा। अगर यह स्थिति रही तो तस्करों का हौसला और बढ़ेगा।

इसी बीच, सीसीएफ गौरव चौधरी (बालाघाट) ने कहा है की, फरार आरोपी की तलाश के लिए टीम गठित की गई है और जल्द सफलता मिलने की उम्मीद है।

सोनेवानी रिजर्व में बाघिन मौत मामला अब भी जांच में है। इस प्रकरण में छह आरोपी जेल भेजे जा चुके है। 2 नवंबर को डिप्टी रेंजर टीकाराम हिनोते को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स, जबलपुर ने गौरीघाट (नर्मदा किनारे) से गिरफ्तार किया। फरार वनरक्षक हिमांशु घोरमारे की भी तलाश जारी है। बाघ नाखून तस्करी का चौथा आरोपी अब भी फरार है की, अगर यह पकड़ा गया, तो पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश संभव है। लेकिन फिलहाल वन अमला तस्करों से ज्यादा त्योहारों की थकान मिटाने में व्यस्त दिखाई दे रहा है।


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