बढियागांव बना आस्था का केंद्र

* शारदीय नवरात्र पर पहली बार विराजे नवदुर्गा के साथ अन्य देवी-देवता, विसर्जन के समय भावुक हुए लोग

बालाघाट / शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- लामता तहसील के अंतर्गत बुढ़ियागांव इस बार आस्था का बडा केंद्र बना। शारदीय नवरात्र महोत्सव पर ग्रामीणजनों ने न केवल नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की स्थापना की, बल्कि उनके साथ राधा-कृष्ण, श्रीरामचंद्र, भैरव जी, हनुमान जी, गणेश जी, माता गंगा जी, माता नर्मदा जी और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी विराजमान कीं।


* नौ दिन तक पूजन-अर्चन :- पूरे नौ दिनों तक गांव और आसपास के क्षेत्र में माता रानी और अन्य देवी-देवताओं की भव्य पूजा-अर्चना, आरती और धार्मिक कार्यक्रम धूमधाम से चलते रहे। यह पहली बार था जब लामता तहसील में इतना भव्य आयोजन देखने को मिला, जहां माता रानी के साथ अन्य देवताओं की भी समान रूप से आराधना हुई।


* नम आंखों से दी विदाई :- नवमी और दशमी के बाद जब प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ तो गांव ही नहीं, आसपास के इलाकों से आए श्रद्धालु भी भावुक नजर आएं। ग्रामीणों ने कहा कि इतने दिन सेवा और पूजा करने के बाद माता रानी और अन्य देवताओं से गहरा लगाव हो जाता है, इसलिए विदाई का क्षण कठिन लगता है।


* ग्रामीणों की बडी भागीदारी :- विसर्जन शोभायात्रा में बुढ़ियागांव और आसपास के सभी गांवों के लोग शामिल हुए। पूरे गांव में भक्ति और भावुकता का माहौल बना रहा। माता रानी को नम आंखों से विदाई देते हुए लोगों ने अगले वर्ष और भी बड़े आयोजन की कामना की।

इस आयोजन ने बुढ़ियागांव को सचमुच आस्था और भक्ति का केंद्र बना दिया।


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