नागपूर / संवाददाता :- प्रसिद्ध स्तंभलेखक एवं समाजाभिमुख विचारक प्रवीण बागड़े को मातृशोक हुआ है। उनकी माताश्री बु. शालिनी बागड़े उम्र ७८ वर्ष नवयुग और पंडित बच्छराज व्यास विद्यालय की सेवानिवृत्त शिक्षिका थी। उनका, २ अक्टूबर को अल्प बीमारी के बाद देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार नारा दहन घाट, जरीपटका, नागपुर में किया गया। उनके परिवार में उनके पश्चात पुत्र ललित, प्रवीण और नितिन (बालू) के साथ-साथ एक बड़ा परिवार भी है। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों ने बागड़े परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त की है।
इस दुखद समाचार से साहित्यिक, पत्रकारिता तथा सामाजिक क्षेत्र मे शोक की लहर फैल गई है। प्रवीण बागड़े के लिए यह व्यक्तिगत आघात अत्यंत पीड़ादायक है। उनकी माता के निधन से समाज ने एक स्नेही मार्गदर्शक व्यक्तित्व खो दिया है। उनके जाने से जो कमी पैदा हुई उसे कभी नहीं भरा जा सकेगा, लेकिन उनके बच्चों द्वारा किया गया कार्य ही उनकी सच्ची स्मृति रहेगा। इस दुखद घटना ने बागड़े परिवार को शोक में डुबो दिया है।