सिनेमा के नए आयाम : वॉटरफ्रंट इंडी फिल्म फेस्टिवल का शानदार समापन!

* नेपोटिज़्म से लेकर न्यू आइडियाज़ तक चर्चाओं से गूंजा वॉटरफ्रंट फेस्टिवल!

मुंबई / संवाददाता :- वॉटरफ्रंट इंडी फिल्म फेस्टिवल (WIFF) का पहला संस्करण हाल ही में 2 अक्टूबर से आयोजित हुआ, जिसने फिल्म प्रेमियों, इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स और स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को एक साथ जोडा। इस दौरान शॉर्ट फिल्म स्क्रीनिंग, मास्टरक्लास और पैनल डिस्कशन जैसी कई गतिविधियों का आयोजन किया गया।


स्वतंत्र फिल्मकार कबीर खुराना, जिन्होंने शॉर्ट फिल्म सेगमेंट को क्यूरेट किया, ने कहा, "वॉटरफ्रंट इंडी फिल्म फेस्टिवल उभरते टैलेंट के लिए एक ऐसा मंच है, जहां वे अपना काम दिखा सकते है और इंडस्ट्री के लोगों से जुड़ सकते है।" फेस्टिवल की शॉर्ट फिल्म स्क्रीनिंग को दर्शकों ने खूब सराहा और फिल्ममेकर्स के साथ Q & A सेशन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।


फेस्टिवल की खास आकर्षण रही मास्टरक्लास सेशन, जिसमें प्रसिद्ध फिल्मकार राजेश मापुस्कर और अभिनेत्री एवं आर्टिस्ट सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने शिरकत की। मापुस्कर ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "‘वेंटिलेटर’ लिखने में मुझे 48 साल लगे, यह एक संयुक्त परिवार में जीए गए अनुभवों का निचोड़ है।" वहीं, सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने कहा, "नेपोटिज़्म पर बहस बेकार है, यह एक लालची संस्कृति बन गई है, जहां लोग दूसरों की सफलता को उनके परिवारिक बैकग्राउंड या प्रिविलेज से जोड़कर नीचा दिखाते हैं।"


फेस्टिवल में सुजय दाहाके की मराठी फिल्म श्यामची आई की स्क्रीनिंग भी की गई। इसके अलावा, प्रसिद्ध फिल्मकार हंसल मेहता, तुषार हीरानंदानी, रोहन सिप्पी और विशाल फुरिया के साथ पैनल डिस्कशन भी आयोजित हुआ, जहां इंडस्ट्री और स्वतंत्र फिल्मकारों की भूमिका पर विचार-विमर्श हुआ।


वॉटरफ्रंट इंडी फिल्म फेस्टिवल तुली रिसर्च सेंटर के समर्थन के लिए आभार प्रकट करता है और 6 अक्टूबर तक नये और नवाचारपूर्ण सिनेमा को प्रस्तुत करता रहेगा। WIFF के आने वाले आयोजनों और सहयोगों की जानकारी के लिए जुड़े रहें। अपने कैलेंडर मार्क कीजिए और और भी रोमांचक फिल्म अनुभवों का हिस्सा बनने के लिए तैयार रहिए।

Post a Comment

Previous Post Next Post