महाराष्ट्र-गुजरात सीमा : जी देश में कई अजीबो-गरीब किस्से सुनने को मिलते हैं, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात की सीमारेखा पर स्थित यह घर अपने आप में एक अनोखा उदाहरण है। यह घर दो राज्यों की सरहद पर बना है—एक हिस्सा महाराष्ट्र में और दूसरा हिस्सा गुजरात में।
यह घर है 70 वर्षीय मग्निबेन का, जो आदिवासी समाज से ताल्लुक रखती हैं। पति के निधन के बाद पिछले 20 वर्षों से मग्निबेन इस घर में अकेली रह रही हैं। खास बात यह है कि उनके घर की रचना दोनों राज्यों की संस्कृति और वास्तुशास्त्र का सुंदर संगम दिखाती है।.
🍲 अनोखी दिनचर्या :-
मग्निबेन का जीवन भी उतना ही अनोखा है जितना उनका घर।
वे गुजरात वाले हिस्से में खाना बनाती हैं।
और महाराष्ट्र वाले हिस्से में बैठकर भोजन करती हैं।
गाँव के लोग भी मग्निबेन को केवल पड़ोसी नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा मानते हैं और हर समय मदद के लिए तैयार रहते हैं। हालाँकि उनका घर दोनों राज्यों में है, लेकिन मतदान के समय वे गुजरात में ही वोट डालती हैं।
🎉 परंपराओं का संगम :-
मग्निबेन के जीवन में दोनों राज्यों की परंपराएँ, भाषाएँ और त्योहार घुलमिल गए हैं। यही कारण है कि उन्हें दोनों राज्यों में बराबर का सम्मान और प्यार मिलता है।
🌍 आकर्षण का केंद्र :-
यह अनोखा घर और मग्निबेन की जीवनशैली अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। यहाँ तक कि कई पर्यटक भी इस अद्भुत नज़ारे को देखने गाँव तक पहुँचते हैं।
👉 मग्निबेन का यह घर सिर्फ भौगोलिक रूप से नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी एकता और सौहार्द का प्रतीक है। यह साबित करता है कि सीमाएँ केवल नक्शों पर होती हैं, इंसानियत पर नहीं।