देवखेड में पुल का काम ठप होने से किसानों को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएं अन्यथा मजबूरन जलस्रोतों का सहारा लेना पडेगा!

* क्रांतिकारी किसान संगठन के जिला उपाध्यक्ष सहदेव लाड सहित किसानों ने दी चेतावनी

बुलडाणा / अनिलसिंग चव्हाण :-सिंदखेडराजा तहसील के देवखेड में खड़क पूर्णा नदी पर पुल का काम अधूरा है, इसलिए किसानों के खेतों तक पहुँचने के लिए कोई सडक नहीं है। हालाँकि, अगर अगले आठ दिनों के भीतर किसानों को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो क्रांतिकारी किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष सहदेव लाड के साथ देवखेड के किसानों ने तहसीलदार सिंदखेड राजा और विभागीय अभियंता लोक निर्माण विभाग, देउलगाव राजा को एक लिखित बयान दिया है। 


2018 में, तत्कालीन विधायक विदर्भ और मराठवाड़ा को जोड़ने और किसानों के बीच संचार के उद्देश्य से शशिकांत खेडेकर के प्रयासों से देवखेड में खड़कपूर्णा नदी पर पुल का काम स्वीकृत हुआ था। तब से इस पुल का काम चल रहा था, लेकिन तब से संबंधित ठेकेदार को काम का भुगतान न होने के कारण पुल का दस प्रतिशत काम अधूरा रह गया है। इसलिए किसानों को खेतों में जाने के लिए थर्मोकोल का इस्तेमाल करना पडता है। देवखेड में लगभग 30 से 35 किसानों की खेती नदी के उस पार है। कई किसान सडक न होने के कारण दो महीने से खेतों पर नहीं गए है। इसलिए किसानों के सामने बडा सवाल यह है कि कट चुकी सोयाबीन और कपास की फसलों को घर कैसे लाया जाए। हालांकि, अगर 20 सितंबर तक किसानों को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं कराया गया। क्रांतिकारी किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष सहदेव लाड ने चेतावनी दी है कि अगर वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध नहीं कराया गया तो किसान खड़कपूर्णा नदी घाटी में आत्मदाह कर लेंगे। इस बयान पर अनिल लांडगे, काशीनाथ सरकटे, कल्याण जाधव, अमोल पद्ममुख, रेखा जाधव, जया खरात सहित लगभग 40 किसानों के हस्ताक्षर है।



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