ग्राम पाथरगांव में पंचायत भवन निर्माण को लेकर विवाद तेज

* ग्रामीणों का कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शन - ‘धोखे से प्रस्ताव पारित’, निर्माण पर रोक और निष्पक्ष जांच की मांग

लांजी (बालाघाट) / शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- जनपद लांजी के ग्राम पाथरगांव में प्रस्तावित पंचायत भवन निर्माण की भूमि को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। शनिवार को बडी संख्या में ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने तथा पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच ने धोखे से पंचों से हस्ताक्षर करवा लिए और गलत भूमि का प्रस्ताव भेज दिया।


* भ्रम फैलाकर पंचों से हस्ताक्षर ? :- ग्रामीणों के अनुसार, सामान्य सभा की बैठक में सरपंच ने तथ्य छिपाकर पंचों से हस्ताक्षर करवा लिए और खसरा नंबर 310 की भूमि को पंचायत भवन के लिए प्रस्तावित बताया। जबकि न पंचों को सही जानकारी दी गई, न ग्रामवासियों को बताया गया, प्रस्ताव भेजने के बाद ही मामला सामने आया। तथ्य सामने आने पर पंचों ने लिखित आपत्ति देकर प्रस्ताव का विरोध किया है।


* ग्रामसभा ने सर्वसम्मति से चुनी थी खसरा नंबर 289/1 की भूमि :- ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामसभा की बैठक में सर्वसम्मति से तय हुआ था कि पंचायत भवन खसरा नंबर 289/1 पर बनाया जाए, क्योंकि यह मुख्य सड़क के नजदीक है। स्कूल, आंगनबाड़ी व अन्य सुविधाओं के पास है। पहुंचनीयता व सुविधा की दृष्टि से आदर्श स्थान है। जनपद स्तरीय अधिकारियों ने भी निरीक्षण के बाद इसी स्थान को उपयुक्त माना था।


* जांच समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल :-  ग्रामीणों का आरोप है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर कलेक्टर ने नए सिरे से निरीक्षण का आदेश दिया था, लेकिन जांच दल ने ग्रामीणों को सूचना नहीं दी, न पंचों को बुलाया, सरपंच की मौजूदगी में एकतरफा निरीक्षण किया गया और गलत तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट भेज दी। ग्रामीणों ने खसरा नंबर 289/1 को ‘अतिक्रमण युक्त’ बताना पूरी तरह झूठ करार दिया है। उनके अनुसार, जमीन पूरी तरह साफ और विवाद रहित है।


* खसरा नंबर 310 - गांव की एकमात्र खुली जगह :- यहां भवन बनने से खेल मैदान, बाजार और सामाजिक गतिविधियां ठप होने का खतरा है। ग्रामीणों ने बताया कि खसरा नंबर 310 गांव की एकमात्र खुली जमीन है। बच्चे यहीं खेलते है। साप्ताहिक बाजार लगता है। सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते है। यदि यहां भवन बन गया, तो गांव की सामुदायिक गतिविधियां पूरी तरह बाधित हो जाएंगी और बच्चों के पास खेलने की जगह भी नहीं बचेगी।


* सरपंच पर गंभीर आरोप :- ग्रामीणों ने सरपंच पर कई गंभीर आरोप लगाए है। पंचायत निधि का दुरुपयोग, घटिया निर्माण कराना, बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर चलाकर गरीबों को ठगना, पंचायत कार्यों में पारदर्शिता का अभाव...ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि गांव की सहमति के बिना निर्माण किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं होगा।


* ग्रामीणों की प्रमुख मांगें :- निर्माण कार्य पर तत्काल रोक, पूरे मामले की निष्पक्ष, उच्च स्तरीय जांच, खसरा नंबर 289/1 पर पहले से तय प्रस्ताव को बहाल किया जाएं, जांच समिति की रिपोर्ट रद्द कर नई रिपोर्ट तैयार हो, सरपंच की कार्यशैली की जांच की जाएं, ऐसी मांगे ग्रामीणों ने की है। 


ग्राम पाथरगांव में पंचायत भवन मुद्दा अब एक बडे ग्रामीण आंदोलन का रूप ले चुका है। प्रशासन आगे क्या कदम उठाता है ? इस पर पूरे क्षेत्र की नजरें टिकी हुई है।


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