* तहसीलदार एवं थाना को सौंपा ज्ञापन
* महिलाओं ने शराबबंदी की उठाई मांग
लामता (बालाघाट) / शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- लामता तहसील के ग्राम मोतेगांव में महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा नशामुक्ति अभियान अब और तेज हो गया है। गुरुवार को ग्राम पंचायत मोतेगांव की सरपंच अंकिता तिल्लासी के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने शराबबंदी की मांग को लेकर लामता तहसीलदार के एल. तेकाम और थाना लामता के सहायक उपनिरीक्षक बी. एस. परते को ज्ञापन सौंपा।
* महिलाओं ने जताई चिंता :- ज्ञापन सौंपते हुए सरपंच अंकिता तिल्लासी ने कहा की, गांव में दिन-ब-दिन शराबखोरी बढ़ती जा रही है। आज नवयुवकों के साथ साथ बच्चे भी शराब और नशे के आदी हो रहे है। इससे न केवल परिवार टूट रहे है, बल्कि बच्चों का भविष्य भी अंधकार में जा रहा है।
महिलाओं ने बताया कि शराब के कारण परिवारों में प्रतिदिन झगडे और घरेलू हिंसा जैसी घटनाएं बढ रही है। इससे सबसे अधिक पीडा महिलाओं और बच्चों को झेलनी पड रही है। इसीलिए महिलाओं ने एकजुट होकर शराबबंदी की ठोस मांग उठाई है।
* नशामुक्ति समिति का गठन :- सरपंच अंकिता तिल्लासी ने बताया कि ग्राम मोतेगांव में महिलाओं ने नशामुक्ति समिति का गठन किया है। इस समिति का उद्देश्य गांव से कच्ची और पक्की शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगवाना है। हमने तहसीलदार और पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। कल पूरे गांव में नशामुक्ति रैली निकालकर ग्रामीणों को शराबबंदी के लिए जागरूक किया जाएगा।
* तहसीलदार ने कलेक्टर को भेजा ज्ञापन :- तहसीलदार के. एल. तेकाम ने पुष्टि करते हुए बताया की, ग्राम पंचायत मोतेगांव की दर्जनों महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर ज्ञापन सौंपा है। महिलाओं ने कच्ची और पक्की शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। ज्ञापन को मैंने कलेक्टर बालाघाट के पास भेजने का निर्णय लिया है और इस संबंध में लामता पुलिस को कार्यवाही हेतु निर्देश दिया जाएगा।
* पुलिस ने दिलाया सहयोग का आश्वासन :- थाना लामता के सहायक उपनिरीक्षक बी. एस. परते ने बताया की, महिलाओं द्वारा सौंपा गया ज्ञापन हमारे पास प्राप्त हुआ है। इसे वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जा चुका है। शराबमुक्ति अभियान में पुलिस विभाग महिलाओं को हरसंभव सहायता प्रदान करेगा।
* गांव में फैली नई उम्मीद :- मोतेगांव की इस पहल से आसपास के गांवों में भी नशामुक्ति के प्रति जागरूकता फैल रही है। गांव की महिलाओं ने कहा कि यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के उज्जवल भविष्य की लडाई है।
ग्राम मोतेगांव की महिलाओं का यह साहसिक कदम प्रशासन और समाज दोनों के लिए प्रेरणा है। नशामुक्त समाज की दिशा में यह एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मांग पर कितनी जल्दी अमल करता है।
