* रद्दी कागज़ पर परोसी खिचड़ी • बच्चों की सेहत से खिलवाड़ • संग्रामपुर तालुका का चौंकाने वाला मामला
* आदिवासी क्षेत्र में बच्चों को रद्दी कागज पर खिचड़ी परोसी गई
* स्कूल परिसर में भोजन के समय कुत्तों का मुक्त विचरण
* स्टील प्लेट्स उपलब्ध होने के बावजूद नियमों का उलंघन
* शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए
बुलढाणा / अनिलसिंह चव्हाण :- महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के संग्रामपुर तहसील के बावनबीर आदिवासी क्षेत्र में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की घोर अवहेलना का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्राथमिक विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों को पोषण आहार के तौर पर दी जाने वाली खिचड़ी रद्दी कागज़ पर परोसे जाने का वीडियो वायरल हुआ है। इस घटना ने पूरे शिक्षा तंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
सरकार ने छात्रों के स्वास्थ्य एवं पोषण को ध्यान में रखते हुए इस योजना की सुरुवात की थी। इसके अंतर्गत हर स्कूल को स्टील की प्लेटें उपलब्ध कराई गई हैं, साथ ही साफ-सफाई और सुरक्षा को लेकर विस्तृत नियमावली भी दी गई है। लेकिन बावनबीर स्कूल में इन सभी नियमों को खुलेआम दरकिनार किया गया है। बच्चों को रद्दी पेपर पर खिचड़ी परोसी गई, और भोजन करते समय कुत्ते बच्चों के बिल्कुल आसपास घूमते दिखाई दिए, जो स्वच्छता एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से गंभीर चिंता का विषय है।
आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों की स्थिति पहले ही चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में स्कूल प्रशासन की यह लापरवाही छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के समान है। साफ-सुथरा, पौष्टिक और सुरक्षित भोजन देने के स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद उनका उल्लंघन होने से क्षेत्र के अभिभावकों में भारी रोष है।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी विकास पाटिल से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, चार महीने पहले ही हमने सभी स्कूलों को कड़े निर्देश दिए थे। इसके बावजूद यदि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार संग्रामपुर समूह शिक्षा अधिकारी दीपक टाले ने भी तुरंत संज्ञान लेते हुए केंद्र प्रमुख को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए है। उन्होंने कहा कि, “जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
* यह घटना कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े करती है :-
- बच्चों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आखिर किसकी है ?
- सरकार के आदेशों और नियमों को ताक पर रखकर काम करने का अधिकार स्कूल को किसने दिया ?
- क्या शालेय शिक्षा मंत्री इस गंभीर मामले पर सख्त कार्रवाई करेंगे ?
आदिवासी छात्रों के स्वास्थ्य और भविष्य को खतरे में डालने वाले इस मामले को लेकर राज्यभर में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मामले की गहन जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है।
