किसानों को थमाया गया दोगुना बिजली बिल

* विभाग की मनमानी से भड़के किसान! एक एचपी मोटर का कनेक्शन, पर दो एचपी का बिल! - बेमौसम बारिश और आर्थिक संकट झेल रहे किसानों पर बिजली विभाग का दोहरा प्रहार, विधायक मधु भगत ने कहा - जरूरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे!

बालाघाट / शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- पहले खाद, बीज की कमी और फिर बेमौसम बारिश से परेशान किसानों पर अब बिजली विभाग की मनमानी ने दोहरी मार डाल दी है। बालाघाट और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों में किसानों को इस माह दोगुना और तिगुना बिजली बिल थमाया गया है। इससे किसानों में भारी आक्रोश है, वहीं विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खडे हो गए है।


* एक एचपी मोटर, लेकिन बिल दो एचपी का :- परसवाडा क्षेत्र के ग्राम खुरसुड़ा, खर्रापोला, बुढ़िया, मुरझड़, समनापुर और कुम्हारी जैसे इलाकों से शिकायतें सामने आई है। किसानों ने बताया कि उन्होंने खेतों की सिंचाई के लिए एक एचपी (Horse Power) की मोटर के लिए कनेक्शन लिया हुआ है, लेकिन बिजली विभाग ने इस बार दो एचपी और ढाई एचपी के हिसाब से बिल जारी कर दिया। इतना ही नहीं, विभागीय कर्मचारियों द्वारा किसानों को बिल जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।


* हमने एक एचपी मोटर चलाई, बिल दो एचपी का :- ग्राम खुरसुड़ा के किसान भुनेश्वर आंबिलकर ने बताया की, हमारे घर में दो कनेक्शन है। पिछले 10 साल से एक एचपी का बिल आता था। लेकिन इस बार दो एचपी का बिल थमा दिया गया है। ऊपर से अधिकारी कह रहे है कि आदेश ऊपर से है, इसलिए जमा करो।


इसी तरह किसान ईशनलाल लिल्हारे ने कहा की, हमने जितनी बिजली इस्तेमाल की ही नहीं, उतना बिल कैसे जमा करें ? यह विभाग की मनमानी है, जो किसानों को आत्महत्या की ओर धकेल रही है।


* बढते बिल, टूटती उम्मीदें :- किसानों के मुताबिक, इस बार बिजली विभाग ने 5,000 से लेकर 10,000 रुपए तक के बिल जारी किए है। ग्राम मुरझड़ के किसान को ₹6,970 का बिल, फेंकनलाल पटले को ₹7,547 का बिल, और ग्राम बुढ़िया के किसान राजेश मेश्राम (अपनी पत्नी के नाम से कनेक्शन) को ₹10,247 का बिल थमाया गया है। किसान कहते है कि उनके खेतों में जल स्तर इतना नहीं कि दो एचपी मोटर चल सके, फिर भी विभाग ने अपनी मनमर्जी से बिल बना दिए।


* पहले फसल बर्बाद, अब आर्थिक संकट :- धान की फसल पहले ही बेमौसम बारिश से चौपट हो चुकी है। किसानों पर कर्ज, बच्चों की पढ़ाई, शादी-ब्याह और दैनिक खर्चों का बोझ पहले से ही है। ऐसे में भारी बिजली बिल ने किसानों की कमर तोड दी है।


किसान फेंकनलाल पटले ने बताया की, हमने फसल बीमा कराया, लेकिन आज तक कोई अधिकारी फसल का निरीक्षण करने नहीं आया। न कोई मुआवजा मिला, न राहत। अब ऊपर से ₹7,547 का बिजली बिल भेज दिया गया है। इतना पैसा कहां से लाएं?


* विभाग पर विधायक मधु भगत का निशाना :- परसवाड़ा विधायक मधु भगत ने बिजली विभाग की नीतियों को गलत ठहराया। उन्होंने कहा की, टीसी कनेक्शन के माध्यम से सिंगल फेज कनेक्शन लेने पर किसानों से दो से तीन फेज का बिल वसूलना तानाशाही है। इसका खामियाजा किसान भुगत रहे है। हम इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे, और जरूरत पडी तो आंदोलन भी करेंगे।


* किसानों की मांग :- दोगुने बिलों की तत्काल समीक्षा की जाएं। विभाग द्वारा वास्तविक उपयोग के अनुसार ही बिल जारी किए जाएं। बेमौसम बारिश और फसल क्षति से जूझ रहे किसानों को राहत पैकेज दिया जाए। दोषी अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएं।


पहले प्रकृति ने मारा, अब व्यवस्था मार रही है...आर्थिक संकट में फंसे किसान अब सरकार से राहत और न्याय की उम्मीद लगाए बैठे है। अगर बिजली विभाग ने जल्द ही समाधान नहीं निकाला, तो किसानों में बड़ा आंदोलन भड़कने की आशंका जताई जा रही है।


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