* ‘सप्तशक्ति संगम’ कार्यक्रम - मातृशक्तियों ने ली राष्ट्र निर्माण की शपथ
* संघ के शताब्दी वर्ष में विद्या भारती के मार्गदर्शन में हुआ आयोजन
* महिलाओं के आत्मविश्वास, परिवार प्रबोधन और पर्यावरण संरक्षण पर हुआ जोर
लामता (बालाघाट) / शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- सरस्वती शिशु माध्यमिक विद्यालय लामता के प्रांगण में रविवार को ‘सप्तशक्ति संगम’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के मार्गदर्शन में संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी श्रीमती सुमन गुप्ता ने की। मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती रानू वैध एवं श्रीमती सुनीता जैन, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेविका सुश्री राजेश्वरी गोस्वामी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती प्रतिमा बिसेन तथा कार्यक्रम आयोजक श्रीमती अनीता साहू के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर उपस्थित मातृशक्तियों ने “राष्ट्र निर्माण में नारी की भूमिका” को सशक्त करने का संकल्प लिया और एकजुट होकर परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण तथा समाज कल्याण के लिए कार्य करने की शपथ ली।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, और राष्ट्र के विकास में नारी के योगदान जैसे विषयों पर अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिला को सृजन, संस्कार और शक्ति का प्रतीक माना गया है, और आज भी वही शक्ति समाज को दिशा दे सकती है।
सप्तशक्ति संगम के अंतर्गत 5 अक्टूबर (रानी दुर्गावती जयंती) से लेकर 23 जनवरी (स्वामी विवेकानंद जयंती) तक देशभर में महिला जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत 12,000 महिला वक्ताओं को तैयार कर 75,000 महिलाओं से जोडा जाएगा, जिसकी पहुंच 3.50 करोड परिवारों तक होगी।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में आत्मविश्वास जागृत करना, परिवार में संस्कारों का प्रसार, और पर्यावरण संरक्षण की भावना को जन-जन तक पहुँचाना है। विशेष बात यह रही कि यह कार्यक्रम महिलाओं द्वारा, महिलाओं के लिए, और महिलाओं के नेतृत्व में आयोजित किया गया - जो नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् के सामूहिक गान से हुआ, जिसमें सभी उपस्थित मातृशक्तियों ने राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण का संकल्प दोहराया।
