लामता तहसीलदार सुरेश उपाध्याय पर 181 पर शिकायत करने वाले नितिन निषाद को धमकी देने का आरोप!

* शिकायत वापस लेने से किया इंकार तो तहसीलदार ने दी धमकी

* शिकायतकर्ता का आरोप ; तहसीलदार बोले - आरोप निराधार है

बालाघाट / शैलेंद्र सिंह सोमवंशी :- बालाघाट जिले की लामता तहसील के तहसीलदार सुरेश उपाध्याय एक बार फिर विवादों में घिर गए है। शिकायतकर्ता नितिन निषाद ने तहसीलदार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 181 पर दर्ज की गई शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया और इंकार करने पर धमकी दी।


शिकायतकर्ता नितिन (जतिन) निषाद ने बताया कि उन्होंने 181 जनसुनवाई पोर्टल पर पंचायत की जमीन से जुड़ी गड़बड़ी की शिकायत की थी। उनका आरोप है कि पूर्व सरपंच ने अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर ग्राम पंचायत की भूमि का पट्टा अपने परिवार के नाम करवा लिया है। शिकायत दर्ज होने के बाद लामता तहसील कार्यालय से उन्हें बुलावा आया।


पटवारी ने फोन पर कहा कि तहसीलदार साहब ने बुलाया है। मैं तहसील कार्यालय पहुंचा, तो तहसीलदार ने मुझसे शिकायत वापस लेने को कहा, ऐसा नितिन निषाद ने बताया। नितिन के अनुसार, जब उन्होंने शिकायत वापस लेने से इंकार किया, तो तहसीलदार सुरेश उपाध्याय ने “धमकी भरे लहजे में बात की” और कहा कि आगे से तहसील परिसर में मत आना।


निषाद ने कहा कि तहसीलदार को जनता की समस्याओं का समाधान करना चाहिए, लेकिन वे उल्टा शिकायतकर्ता को धमकाते है। सरकार ने अधिकारी इसलिए नियुक्त नहीं किए है कि वे आम जनता या किसानों के साथ दुर्व्यवहार करें, ऐसा आरोप उन्होंने लगाया। निषाद ने बताया कि उन्होंने इस घटना की शिकायत फिर से 181 पोर्टल पर की है, और साथ ही बालाघाट कलेक्टर को भी फोन पर इसकी जानकारी दी है।


इस संबंध में तहसीलदार सुरेश उपाध्याय ने कहा कि, शिकायतकर्ता नितिन निषाद को पटवारी ने कार्यालय में बुलाया था। मैंने सिर्फ यह कहा था कि अगर वह शिकायत वापस नहीं लेना चाहते तो ठीक है। स्वामित्व योजना का निर्णय हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद है। उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता का रवैया भी विवादित था, और उन्होंने तहसील के कर्मचारियों से अनुचित भाषा में बात की थी।


इस पूरे प्रकरण के बाद लामता तहसीलदार कार्यालय एक बार फिर चर्चा में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारी और शिकायतकर्ता के बीच ऐसे विवादों से सरकारी तंत्र की छवि खराब होती है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।


एक ओर शिकायतकर्ता नितिन निषाद का कहना है कि उन्हें न्याय के बदले धमकी मिली, वहीं तहसीलदार सुरेश उपाध्याय इसे निराधार बता रहे हैं। अब यह देखना होगा कि कलेक्टर कार्यालय इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।

Post a Comment

Previous Post Next Post