* “प्रांताधिकारी हटाओ – कर्जत-खालापुर तहसील बचाओ” की उठी मांग
* प्रांताधिकारी प्रकाश संकपाळ की विभागीय जाँच हो : एनजेए जिलाध्यक्ष राजेंद्र जाधव
* पत्रकारों और आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगाया उदासीनता का आरोप
* अवैध उत्खनन और भराव के मामलों पर कार्रवाई से इंकार
कर्जत / खलील सुर्वे :- कर्जत-खालापुर तहसील में पिछले दो वर्षों से बडे पैमाने पर अवैध गौण खनिज उत्खनन और भराव का सिलसिला जारी है। नाम मात्र की रॉयल्टी भरकर भू-माफिया हजारों ब्रास खनिज का अवैध उत्खनन कर रहे है। इस घोटाले से सरकार को करोडों का नुकसान हो रहा है, लेकिन कार्रवाई करने के बजाय स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी आँख मूँदकर बैठे है।
इस गंभीर मामले में प्रांताधिकारी प्रकाश संकपाळ की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे है। आरोप है कि वे न केवल कार्रवाई करने में नाकाम रहे है, बल्कि उन्होंने खुलकर कहा कि "मैं कार्रवाई नहीं कर सकता।" पत्रकारों और आरटीआई कार्यकर्ताओं से हुई चर्चा का ऑडियो रिकॉर्ड भी उपलब्ध कराया गया है।
* पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप :- न्यूज जर्नालिस्ट एसोसिएशन (एनजेए) रायगड जिलाध्यक्ष राजेंद्र जाधव, राष्ट्रीय अध्यक्ष खलील सुर्वे और आरटीआई कार्यकर्ता सुरेश गावडे ने प्रांताधिकारी से मुलाकात कर अवैध उत्खनन पर कार्रवाई की मांग की। लेकिन संकपाळ ने जिम्मेदारी से पल्ला झाडते हुए भू-माफियाओं पर कार्रवाई से असमर्थता जताई।
पत्रकारों का कहना है कि तहसील में छोटे-बडे सभी अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त है। भू-माफियाओं से नकद लेनदेन और “रेटकार्ड” तय होने की बात सामने आई है। शिकायतें करने वाले नागरिकों और कार्यकर्ताओं की गोपनीय जानकारी तक भू-माफियाओं को पहुँचाई जाती है, जिससे उनकी जान को खतरा पैदा होता है।
* लोकशाही ध्वस्त हो रही है :- चौंकाने वाली बात यह रही कि संकपाळ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा - पत्रकार तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाते है, लेकिन अब पहला और चौथा स्तंभ भी खोखला हो चुका है।" इस बयान से पत्रकारों और कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है।
* न्यूज जर्नालिस्ट असोसिएशन की मांग :- न्यूज जर्नालिस्ट असोसिएशन (एनजेए) रायगड जिलाध्यक्ष राजेंद्र जाधव ने कहा कि प्रांताधिकारी संकपाळ को तत्काल निलंबित कर उनकी विभागीय जाँच की जाए। उनके कर्जत में पदस्थापना के बाद से संपत्ति में हुई वृद्धि और भू-माफियाओं से संबंधों की भी सखोल जांच होनी चाहिए। आरटीआई कार्यकर्ता सुरेश गावडे ने कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के समक्ष उठाया जाएगा।
* जनता की नाराजगी :- स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब वरिष्ठ अधिकारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो निचले स्तर पर काम करने वालों की स्थिति क्या होगी? यदि शासन का करोड़ों रुपये का नुकसान रोकना है, तो अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने के साथ-साथ ऐसे अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई जरूरी है।
यह मामला अब पूरे रायगड जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। जनता और पत्रकार संगठन एक सुर में मांग कर रहे है कि “प्रांताधिकारी हटाओ, कर्जत-खालापुर तालुका बचाओ।”